दक्षिण भारतीय विरासत की भव्यता को दर्शाते ये Traditional Half-Saree Designs

साड़ी भारत की पारम्परिक पोशाक है I महिलाएं इसे हर ख़ुशी के मौके पर पहनती हैं I वैसे तो साड़ी पहनने की कोई उम्र नहीं होती लेकिन दक्षिण भारत में महिलाओं को सबसे पहले हाफ-साड़ी पहनने को दी जाती है I हाफ-साड़ी पहनने का मतलब होता है की वह महिला एक तरुणी से नारी बन गयी है I लेकिन अब ये केवल प्रतीकात्मक रह गया है और आज traditional half-saree designs फैशन के परिधान बन गए हैं I

Traditional Half Saree Designs

यहां हम कुछ बेहद पॉपुलर पारम्परिक हाफ-साड़ी डिजाईनस प्रस्तुत कर रहे हैं

हरी हाफ साड़ी कांजीवरम सिल्क ज़री लहंगा चोली

Green Half Saree Kanjivaram Silk Zari Lehenga Choli

फैशन विशेषज्ञों की मानें तो हरा रंग चलन में है इसीलिए इस हरे रंग की हाफ-साड़ी की बहुत ज्यादा डिमांड है . यहां दिखाई गयी साड़ी कांजीवरम सिल्क है जिसमें ज़री का काम बहुत ही खूबसूरती से किया हुआ है I ये ड्रेस अपने आप में एक कम्पलीट सेट है क्यूंकि इसके साथ आपको फैशन एक्सेसरीज जैसे कि कानों की बालियां या बहुत ज्यादा मेकअप करने की भी जरूरत नहीं है I

सुनहरे रंग की हाफ-साड़ी

हाथ से बनी हुई कांजीवरम सिल्क ये पारम्परिक हाफ-साड़ी डिजाईन आपको पसंद आएगा. इस गज की हाफ-साड़ी के साथ आपको मिलता है बनारसी ब्लाउज और दुपट्टा ताकि आपको इसके साथ कुछ भी खरीदने की ज़रुरत न पढ़े. ये सुनहरे रंग की हाफ-साड़ी बहुत खूबसूरत लगती है लेकिन इसकी हरे रंग की कनारी और उस पर किया हुआ ज़री का काम इसकी खूबसूरती में चार चाँद लगा देता है I

गोल्ड-ब्लैक और वाइन पारंपरिक हाफ-साड़ी सेट

अगर आप शादी में पहनने लायक traditional half-saree designs देख रहे हैं तो ये हाफ-साड़ी सेट आपको जरूर पसंद आएगा I ये तमिल डिजाईन में सिल्क से बानी साड़ी है जो अपने आप में अनूठी है I इस पर बूटी-ज़री के अलावा वाइन डिजिटल प्रिंट भी किया हुआ है I इस तरह से ये साड़ी पारम्परिक और मॉडर्न दोनों परिधानों का एक मिश्रण बन जाती है I

नए मॉडल की पट्टू हाफ-साड़ी

New Model Pattu Half Saree

यदि आप एक आधुनिक विचारों वाली महिला हैं तो फिर आप एक ऐसी साड़ी पसंद करेंगी जो आपके आधुनिक विचारों से मेल खाती हो और जो पारम्परिक भी लगे I यहां दिखाई गयी पट्टू की हाफ-साड़ी आपके पसंद से काफी हद तक मिलती-जुलती है I इसका आधुनिक डिजाईन आपके मॉडर्न लुक को और निखरेगा I साथ ही इसका पारम्परिक डिजाईन आपकी भारतीय संस्कृति में रच-बस जाने का मौका देगा I

पीले और गुलाबी रंग में दुल्हन का हाफ-साड़ी सेट

दुल्हन की ड्रेस अलग होनी चाहिए और इसीलिए हमने चुनी ये रंग-बिरंगी ड्रेस I इसका पीला घाघरा गुलाबी चोली से बहुत मैच करता है I लेकिन इसकी असली खूबसूरती तो इसके हाथ से बने ब्लाउज में छिपी है I कशीदाकारी का जो काम इसके ब्लाउज में किया हुआ है वो सच में अद्भुद है I इसकी तारीफ करते हुए हम इसके दुपट्टे को कैसे भूल सकते हैं I जरा देखिये तो दुपट्टे को कितनी खूबसूरती से अलंकृत किया हुआ है I

गहरे नीले रंग का हाफ-साड़ी सेट

नीले रंग की एक खासियत है I ये सब पर फबता है I यहां शायद ही ऐसी कोई महिला हो जो ये कहे कि नीला रंग उसे अच्छा नहीं लगता I नीला उन कुछ रंगों में से है जो हर उम्र कि महिला पर अच्छा लगता है I यहां आपको एक बहुत ही खुबसुरल गहरे नीले रंग का हाफ-साड़ी सेट मिल रहा है जिसे आप हर ख़ुशी के मौके पर पहन सकतीं हैं I

ऑफ व्हाइट और मेहंदी ग्रीन हाफ-साड़ी

Off White and Mehndi Green Half-Saree

अगर आप हलके रंगों कि शौक़ीन हैं तो फिर आपको ये हलके सहेड और मेंहदी रंग वाली साड़ी जरूर अच्छी लगेगी I ये उन कुछ traditional half-saree designs में से है जो काफी डिमांड में रहते हैं . हलके रंग हर उम्र और आकर कि महिलाओं पर अच्छे लगते हैं I अगर आप अपना लुक सिंपल रखना चाहती हैं तो आप ये साड़ी खरीद सकतीं हैं I इसके साथ आपको ज्यादा भरी मेकअप करने की भी जरूरत नहीं पड़ेगी I

क्लासिक लाल और सुनहरी हाफ-साड़ी सेट

अगर इसे आप एक रॉयल या शाही ड्रेस भी कहा जाए तो अतिश्योक्ति नहीं होगी क्यूंकि ये है ही इतनी सुन्दर . सुनहरी रंग के घाघरे में लाल रंग कि चोली इस ड्रेस को एक अलग ही लुक देती है . इसे जो भी पहनेगी वो बिलकुल राजकुमारी कि तरह दिखेगी . इसके ब्लाउज और दुपट्टे दोनों में बहुत ही महीन काशीदाकारी की हुई है .

लाइम हाफ-साड़ी सेट

हलके रंगों में लाइम भी खूब जंचता है I ये हल्का होने के साथ-साथ पारम्परिक भी है I भारतीय संस्कृति में पीले रंग को शुभ माना गया है इसीलिए हर ख़ुशी के मौके पर हल्दी का इस्तेमाल किया जाता है I ये हाफ-साड़ी सेट आपको पूरी तरह से भारतीय संस्कृति में रंग देगा I

क्लासिक लाल पारंपरिक हाफ-साड़ी सेट

Classic Red Traditional Half-Saree Set

भारतीय परिधानों की बात हो और लाल रंग का जिक्र न हो ऐसा तो हो ही नहीं सकता I ये लाल रंग का हाफ-साड़ी सेट आप कुछ खास मौकों के लिए रख सकतीं हैं . इसकी खूबसूरती तो देखते ही बनती है I ये आपको पूरा लाल रंग में रंग देगा और आपके चेहरे पर एक ख़ुशी की चमक ले आएगा I

निष्कर्ष – दक्षिण भारत में हाफ-साड़ी को एक तरुणी का नारीत्व की ओर एक पहला कदम माना जाता है I लेकिन फैशन के इस दौर में हर परिधान फैशन का एक हिस्सा बन गया है . Traditional half-saree designs जो केवल तरुणियों के लिए बनाये जाते थे आज हर उम्र, आकार, और रंग की महिलाओं को ध्यान में रखकर बनाये जाते हैं I हाफ-साड़ी अपनी बनावट की वजह से अनूठी लगती है इसीलिए महिलाएं इसकी ओर आकर्षित होती हैं I

FAQs

प्र: एक हाफ-साड़ी की लम्बाई कितनी होती है?

उ: 3 मीटर

प्र: हाफ-साड़ी को दक्षिण भारत में क्या कहते हैं?

उ: तमिल में पावडै दावानी और कन्नड़ में लंगा दवानी कहते हैं

प्र: दक्षिण भारत में हाफ-साड़ी उत्सव किस उम्र में होता है?

उ: 11 से 14 साल

प्र: किन राज्यों में हाफ-साड़ी का चलन?

उ: आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, तमिल नाडु, और कर्णाटक

प्र: हाफ-साड़ी के लिए कौन सा कपडा सबसे ज्यादा अच्छा है?

उ: कांजीवरम सिल्क

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