पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियों की कमज़ोरी या उनका डिसफंक्शन आपके जीवन को सेक्स के अलावा और भी कई तरह से प्रभावित कर सकता है जैसे कि खांसने या छींकने के दौरान पेशाव कि कुछ बूंदों का टपक जाना और कमर के निचले हिस्से में दर्द होना। इसीलिए लोगों को kegel exercises करने की सलाह दी जाती है। इससे मांसपेशियों में तनाव उत्पन्न होता है जिसके बाद मांसपेशियों को आराम की जरूरत पड़ती है। लेकिन बहुत से लोग ये नहीं जानते कि पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियों को रिलैक्स करने के लिए क्या करना चाहिए। इसके लिए आपको reverse kegel exercise करनी चाहिए।
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आइये कीगल और reverse kegel exercise के अंतर को समझें
कीगल व्यायाम मांसपेशियों में तनाव उत्पन्न करता है जिससे पेल्विक फ्लोर मजबूत होता है लेकिन ज्यादा हो जाने पर ये तनाव आपको परेशान भी कर सकता है। पेल्विक फ्लोर में ऐंठन या पेनफुल सेक्स तनावग्रस्त मांसपेशियों के लक्षण हैं। यदि आप ये लक्षण महसूस करते हैं तो आपको रिवर्स कीगल एक्सरसाइज करनी चाहिए । इसे आप kegel exercise का उल्टा भी कह सकते हैं।
Kegel exercise क्यों करनी चाहिए?
कीगल एक्सरसाइज के फायदे जानने के लिए हमें पेल्विक फ्लोर की संरचना को समझना होगा। पेल्विक फ्लोर मांसपेशियों का एक जाल है जो पेल्विक फ्लोर ऑर्गन्स को काम करने में मदद करता है। पेल्विक फ्लोर में मुख्यतः गर्भाशय, मूत्राशय, सिग्मॉइड कोलोन, रेक्टम, और वजाइन पाए जाते हैं। Kegel exercise इन ऑर्गन्स को सपोर्ट करती है। एक मजबूत पेल्विक फ्लोर यूरिन स्टोरेज, स्टूल एलिमिनेशन, और नार्मल सेक्सुअल बिहेवियर में सक्षम होता है।
Reverse kegel exercise क्यों करनी चाहिए?
विशेषज्ञों की मानें तो रिवर्स कीगल एक्सरसाइज हर उस वयक्ति को करनी चाहिए जो kegel exercise करता हो। वो पुरुष या महिला कोई भी हो सकता है लेकिन महिलाओं को अपने पेल्विक फ्लोर के बारे में ज्यादा सचेत रहने की जरूरत है। यदि आप एक महिला हैं और आप kegel exercise करती हैं तो आपको रिवर्स कीगल व्यायाम भी जरूर करना चाहिए। इससे आपको अपने पेल्विक फ्लोर को मजबूत रखने में मदद मिलेगी और एक मजबूत पेल्विक फ्लोर आपको योनि से सम्बंधित कई समस्याओं से बचा सकता है।
यहां यह भी कहा जा सकता है कि रिवर्स कीगल एक्सरसाइज के बिना kegel exercise कम्पलीट नहीं होती। पहले आप अपने पेल्विक फ्लोर की माँसपेशिययों में तनाव उत्पन्न करते हैं और फिर उस तनाव को कम करने के लिए के इसके उलट करते हैं। इस तरह से आपकी पेल्विक फ्लोर की एक्सरसाइज पूरी हो जाती है। आपकी मांसपेशियां ज्यादा मज़बूत और लचीली बनती हैं और औ आपको पूरा फायदा देतीं हैं।
Reverse kegel exercise के फायदे
आपका पेल्विक फ्लोर आपके वजाइन, युरेथरा, और एनस में बंटा हुआ है। पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियां इन्ही तीनों ऑर्गन्स को सपोर्ट करतीं हैं और आपको निम्नलिखित फायदे पहुंचाती हैं।
- बढ़ती उम्र में आपके पेल्विक फ्लोर ऑर्गन्स को सपोर्ट मिलता है
- मूत्र भंडारण बढ़ता है जिससे लीकेज नहीं होता
- मल निष्कासन बढ़ता है जिससे पेट साफ़ रहता है
- कामेच्छा बढ़ती है और सेक्सुअल एक्टिविटी में में सुधार होता है
- सेक्स के दौरान दर्द नहीं होता
इनके अलावा रिवर्स कीगल व्यायाम बच्चों को जन्म देने, कब्ज, और बवासीर के इलाज़ में भी सहायक होता है।
आइये reverse kegel exercise करने का सही तरीका जानें
- एक आरामदायक कुर्सी लें और अपने पेरिनियल ऊतक पर बैठें। महिलाओं में यह गुदा और योनि के बीच होता है और पुरषों में यह में गुदा और अंडकोश के बीच पाया जाता है
- अपने हाथों को अपने पेट पर रखें और ऐसे सांस लें कि जिससे आपका पेट फैले। इसे पेट से सांस लेना भी कहते हैं
- जैसे-जैसे आपका पेट फैलता है, आप अपने पेरिनियल ऊतक को आराम देने और लंबा करने की कोशिश करें। पेट फैलने के साथ पेरिनियल ऊतक का लम्बा होना आपको एक फूल के खिलने जैसा अहसास देगा
- अपने पेरिनियल ऊतक को सिकोड़े बिना आराम से सांस छोड़ें और अगली सांस को और ज्यादा लम्बा करने की कोशिश करें तथा अपनी आरामदायक स्तिथि बनाये रखें
रिवर्स कीगल व्यायाम के दौरान आपको पेरिनियल ऊतक और कुर्सी बीच बढ़ता हुआ संपर्क महसूस होगा। अभ्यास के साथ ये संपर्क और मज़बूत होता जाएगा। ये आपकी पेल्विक फ्लोर के सुदृढ़ होने की पहचान है
रिवर्स कीगल एक्सरसाइज की विशेषता यह है कि यह किसी भी स्तिथि में की जा सकती है। उदाहरण के लिए आप इसे खड़े-खड़े, बैठकर, या लेटकर भी कर सकते है। आप चाहें तो अपनी सुविधानुसार अपनी स्तिथि बदल भी सकते हैं लेकिन व्यायाम की प्रक्रिया वही रहेगी पेट से सांस लेना और अपने पेरिनियल ऊतक को आराम देना।
रिवर्स कीगल व्यायाम के आप एक दिन में 10 के दो से तीन सेट कर सकते हैं लेकिन ध्यान रहे की इस एक्सरसाइज का मकसद मांसपेशियों को तनाव से मुक्त करना है उन्हें तनाव देना नहीं।
Reverse kegel exercise से जुडी सावधानियां
- यह एक्सरसाइज न करें जब आपका मूत्राशय भरा हुआ हो
- शुरुआत में बहुत ज्यादा एक्सरसाइज न करें
- मांसपेशियों को आराम देने के लिए लम्बी सांस लें
- दर्द होने या असहज होने की स्तिथि में एक्सरसाइज न करें
निष्कर्ष – मांसपेशियों में शिथिलता पेल्विक फ्लोर की कमज़ोरी का कारण बनती है और बढ़ती उम्र में मांसपेशियों का शिथिल होना लगभग तय है। कीगल एक्सरसाइज से मांसपेशियों में तनाव उत्पन्न कर इसे रोका जा सकता है लेकिन अत्यधिक तनाव भी परेशानी का कारण बन सकता है। इसीलिए kegel करने वालों को reverse kegel exercise करने की सलाह दी जाती है। इस एक्सरसाइज से मांसपेशियां को आराम मिलता है और उनमें लचक आती है।
FAQs
प्र: रिवर्स कीगल एक्सरसाइज कैसे फायदा पहुंचाती है ?
उ: डिस्पेर्यूनिया से पीड़ित महिलाओं के लिए सेक्स सहज हो जाता है
प्र: मुझे कीगल और रिवर्स कीगल में से कौन सा व्यायाम करना चाहिए?
उ: रिवर्स कीगल एक्सरसाइज महिलाओं के लिए ज्यादा फायदेमंद है
प्र: कौन सी रिवर्स कीगल पोजीशन सबसे ज्यादा फायदेमंद है ?
उ: पीठ के बल लेटकर की जाने वाली रिवर्स कीगल एक्सरसाइज
प्र: किसे कीगल एक्सरसाइज नहीं करनी चाहिए?
उ: गंभीर मूत्र रिसाव से पीड़ित व्यक्तियों को कीगल व्यायाम नहीं करना चाहिए
प्र: पेल्विक फ्लोर के कमज़ोर होने के क्या कारण हैं ?
उ: प्रेग्नेंसी, मोटापा, तनाव, पुरानी कब्ज़, प्रोस्टेट कैंसर का इलाज़, और बढ़ती उम्र
अस्वीकरण – उपरोक्त जानकारी केवल ज्ञानवर्धन के लिए है। साथ ही, पाठकों को सलाह दी जाती है कि वे कोई भी एक्सरसाइज शुरू करने से पहले अपने डॉक्टरों से परामर्श लें। एक्सरसाइज करने से शरीर स्वस्थ रहता है लेकिन कोई भी एक्सरसाइज बीमार न होने की गारंटी नहीं देती।